
भारत की सबसे बड़ी आईटी सेवा कंपनी, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS), ने इस साल कर्मचारियों की वेतन वृद्धि (इंक्रीमेंट) पर अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया है।

कंपनी के एचआर प्रमुख मिलिंद लक्कड़
ने कहा है कि इस संबंध में फैसला साल के दौरान लिया जाएगा।
मुख्य कारण: वैश्विक अनिश्चितता और व्यापारिक माहौल
वेतन वृद्धि में देरी का मुख्य कारण वैश्विक आर्थिक और भू-राजनीतिक अनिश्चितताएं बताई गई हैं। इन अनिश्चितताओं ने कंपनी के व्यापारिक माहौल को प्रभावित किया है, और प्रबंधन ने फिलहाल वेतन वृद्धि पर कोई फैसला नहीं लिया है।
टीसीएस के सीईओ के कृति कृष्णन
ने कहा है कि वैश्विक अनिश्चितता के कारण विवेकाधीन निवेश वाले प्रोजेक्ट्स में निर्णय लेने में देरी हो रही है, जिससे मांग पर असर पड़ रहा है।
वित्तीय प्रदर्शन और कर्मचारी संख्या
- टीसीएस का राजस्व पिछली तिमाही की तुलना में 1.6% घटकर ₹63,437 करोड़ हो गया।
- हालांकि, शुद्ध लाभ पिछले साल की तुलना में लगभग 6% बढ़कर ₹12,760 करोड़ हो गया। यह वृद्धि एक बड़े प्रोजेक्ट को बंद करने और टैक्स लाभ के कारण हुई.
- टीसीएस ने पहली तिमाही में 5,090 नए कर्मचारी जोड़े, जिससे कुल कर्मचारी संख्या 6,13,000 से अधिक हो गई।
- वहीं, कर्मचारियों की छंटनी दर (attrition rate) पिछले बारह महीनों के आधार पर 13.8% पर पहुंच गई, जो लगभग दो वर्षों में सबसे अधिक है।
वेतन वृद्धि पर संभावित प्रभाव
- मिलिंद लक्कड़ ने बताया है कि वेतन वृद्धि का फैसला कंपनी के प्रदर्शन और व्यापक बाजार स्थितियों पर निर्भर करेगा।
- उन्होंने कहा कि अगर व्यापक आर्थिक माहौल में सुधार होता है और कारोबार में सुधार होता है, तो कंपनी निश्चित रूप से सर्वोत्तम संभव वेतन वृद्धि देगी।
- पिछली वेतन वृद्धि की तुलना में इस साल कम वेतन वृद्धि की भी संभावना जताई जा रही है, जो पिछले चार सालों में सबसे कम हो सकती है।
- पिछले कुछ तिमाहियों से वरिष्ठ कर्मचारियों के वेरिएबल पे (variable pay) में भी कटौती की जा रही है।
भर्ती और अन्य चिंताएं
- टीसीएस ने 40,000 स्नातकों की भर्ती का लक्ष्य बरकरार रखा है, लेकिन यह भी व्यापारिक स्थिति पर निर्भर करेगा।
- वेतन वृद्धि में देरी से कर्मचारियों के मनोबल और नियुक्ति को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं, जिसका भारतीय अर्थव्यवस्था पर भी प्रभाव पड़ सकता है।
कुल मिलाकर, टीसीएस में वेतन वृद्धि पर फैसला इस साल बाद में लिया जाएगा, और यह वैश्विक आर्थिक परिस्थितियों और कंपनी के व्यापारिक प्रदर्शन पर बहुत कुछ निर्भर करेगा। Zee News के अनुसार, टीसीएस के सैलरी हाइक का प्रोसेस हर फाइनेंशियल ईयर के 1 अप्रैल से शुरू होता था। Live Hindustan की रिपोर्ट के मुताबिक, कर्मचारियों को अगली तिमाही तक इंतजार करना पड़ सकता है। ABP News और ET Now भी इस बात की पुष्टि करते हैं कि इंक्रीमेंट का फैसला दूसरी तिमाही तक टाल दिया गया है।