LIVE: अर्बन कंपनी आईपीओ जीएमपी में गिरावट, लिस्टिंग से पहले 66% से 53% तक क्यों गिरा?

नई दिल्ली: अर्बन कंपनी (Urban Company) के बहुप्रतीक्षित आईपीओ की लिस्टिंग से पहले ग्रे मार्केट प्रीमियम (GMP) में गिरावट देखने को मिली है। एक समय 66% के उच्चतम स्तर पर पहुंचने के बाद, जीएमपी अब 53% पर आ गया है। इस गिरावट ने उन निवेशकों के बीच कुछ चिंता पैदा कर दी है, जिन्हें कंपनी से मजबूत लिस्टिंग लाभ की उम्मीद थी।

जीएमपी में गिरावट के पीछे क्या है?

विशेषज्ञों का मानना है कि जीएमपी में इस तरह के उतार-चढ़ाव असामान्य नहीं हैं, खासकर लिस्टिंग से ठीक पहले। इसके कुछ संभावित कारण हो सकते हैं:

  • बाजार की अस्थिरता (Market Volatility): शेयर बाजार में हालिया अस्थिरता और उतार-चढ़ाव जीएमपी पर असर डाल सकती है।
  • निवेशकों की मुनाफावसूली (Profit Booking): कुछ ग्रे मार्केट निवेशक, जिन्होंने शुरुआती दिनों में कम जीएमपी पर शेयर खरीदे थे, अब मुनाफावसूली कर रहे होंगे, जिससे मांग में कमी आई है।
  • संदेह का माहौल (Uncertainty): लिस्टिंग से पहले, कुछ निवेशकों में कंपनी के मूल्यांकन या वित्तीय प्रदर्शन को लेकर कुछ संदेह हो सकता है, जिससे अस्थायी रूप से जीएमपी में गिरावट आ सकती है।
  • जीएमपी एक अनुमान है (GMP is an Estimate): सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि जीएमपी केवल एक अनुमान है और यह लिस्टिंग मूल्य का सटीक संकेतक नहीं है। यह पूरी तरह से बाजार की धारणा और अटकलों पर आधारित होता है।

निवेशकों के लिए क्या है संकेत?

जीएमपी में गिरावट के बावजूद, अर्बन कंपनी के आईपीओ को निवेशकों से जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली थी। यह आईपीओ कुल मिलाकर 103.63 गुना सब्सक्राइब हुआ था, जो इसकी मजबूत मांग को दर्शाता है। खुदरा निवेशकों (रिटेल इन्वेस्टर्स) ने अपने हिस्से का 39.25 गुना और योग्य संस्थागत खरीदारों (QIBs) ने 140.2 गुना अधिक बोली लगाई थी।

विशेषज्ञों का मानना है कि इतनी मजबूत सदस्यता के बाद भी लिस्टिंग में अच्छा मुनाफा होने की उम्मीद है। मेहता इक्विटीज के एक विश्लेषक प्रशांत तापसे के अनुसार, लिस्टिंग के दिन 40–50% या उससे अधिक का मजबूत लिस्टिंग लाभ देखने को मिल सकता है।

कंपनी के वित्तीय और मूल्यांकन पर एक नजर

अर्बन कंपनी ने वित्तीय वर्ष 2025 में ₹1,144.5 करोड़ का राजस्व दर्ज किया, जो पिछले वर्ष की तुलना में 38% की वृद्धि है। कंपनी ने इसी वर्ष ₹240 करोड़ का शुद्ध लाभ भी दर्ज किया, हालांकि इसमें से अधिकांश लाभ ₹211 करोड़ के आस्थगित कर क्रेडिट (Deferred Tax Credit) के कारण था। इस एकमुश्त लाभ को छोड़कर, कंपनी का कर-पूर्व लाभ ₹28 करोड़ था।

आईपीओ के ऊपरी प्राइस बैंड ₹103 पर, कंपनी का मूल्यांकन लगभग ₹14,800 करोड़ है, जो विश्लेषकों के अनुसार “पूरी तरह से मूल्यांकित” (fully priced) है। इसका मतलब है कि निकट भविष्य में बहुत बड़े लिस्टिंग लाभ की संभावना सीमित है, लेकिन लंबी अवधि में कंपनी के विकास की संभावना मजबूत है।

लिस्टिंग की तारीख

अर्बन कंपनी के शेयरों को कल, 17 सितंबर को नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) पर लिस्ट किया जाएगा। जिन निवेशकों को शेयर आवंटित हुए हैं, उनकी निगाहें अब लिस्टिंग के दिन के प्रदर्शन पर टिकी हैं।

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