अमेरिकी क्वांट ट्रेडिंग फर्म जेन स्ट्रीट ने भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) के निर्देशों का पालन करते हुए एस्क्रो खातों में ₹4,843 करोड़ जमा किए हैं। सेबी ने जेन स्ट्रीट पर भारतीय प्रतिभूति बाजार में हेरफेर करने का आरोप लगाया था और कंपनी को बाजार में व्यापार करने से प्रतिबंधित कर दिया था।
जेन स्ट्रीट ने सेबी से इस मामले में कुछ अंतरिम आदेशों के तहत लगाए गए प्रतिबंधों को हटाने का अनुरोध किया है। फर्म ने कहा है कि यह राशि जमा करना उसके अधिकारों और कानूनी उपायों पर प्रतिकूल नहीं है।
सेबी वर्तमान में जेन स्ट्रीट के अनुरोध की समीक्षा कर रही है और प्रतिभूति बाजार की अखंडता सुनिश्चित करने के लिए उचित प्रक्रिया का पालन करने के लिए प्रतिबद्ध है।
पृष्ठभूमि:
सेबी ने 3 जुलाई, 2025 को जेन स्ट्रीट को भारतीय प्रतिभूति बाजार से प्रतिबंधित कर दिया था। सेबी ने जेन स्ट्रीट पर जनवरी 2023 और मार्च 2025 के बीच “इंट्रा-डे इंडेक्स मैनिपुलेशन स्ट्रैटेजी” में शामिल होने का आरोप लगाया था। सेबी का आरोप है कि जेन स्ट्रीट ने बैंक निफ्टी इंडेक्स को ऊपर उठाने के लिए आक्रामक रूप से शेयरों और वायदा की खरीद की और बाद में अपनी विकल्प स्थिति से लाभ उठाने के लिए ट्रेडों को उलट दिया।
आगे क्या होगा:
जेन स्ट्रीट के सेबी के आदेश का पालन करने और प्रतिबंध हटाने का अनुरोध करने के साथ, यह देखना बाकी है कि सेबी इस मामले में आगे क्या कार्रवाई करती है। यह भी देखना बाकी है कि जेन स्ट्रीट भारतीय प्रतिभूति बाजार में व्यापार करना कब शुरू करती है।
अन्य विवरण:
यह खबर भारतीय प्रतिभूति बाजार में जेन स्ट्रीट और सेबी के बीच चल रहे कानूनी विवाद को दर्शाती है।
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