भारतीय आईटी (IT) कंपनियों Infosys, HCLTech, और TCS के शेयरों में हाल ही में ज़बरदस्त उछाल देखने को मिला है। निवेशकों में उत्साह है, और इसकी मुख्य वजहें ये हैं:

1. भारत-अमेरिका ट्रेड डील की उम्मीद (India-US Trade Deal Buzz) 🤝
- सबसे बड़ा कारण भारत और अमेरिका के बीच एक संभावित व्यापार समझौता (Trade Deal) है।
- बाज़ार में यह ख़बर है कि इस डील के तहत, अमेरिका भारतीय निर्यात पर लगने वाले शुल्क (Tariff) को 50% से घटाकर 15-16% तक कर सकता है।
- चूँकि भारतीय आईटी कंपनियों का एक बड़ा हिस्सा (लगभग 70%) अमेरिकी बाज़ार पर निर्भर करता है, इसलिए इस तरह की डील से आईटी निर्यात (IT Export) को सीधा फायदा होने और व्यापार तनाव कम होने की उम्मीद है। इससे नए कॉन्ट्रैक्ट और कारोबार के अवसर बढ़ सकते हैं।
2. Infosys के प्रमोटर्स का बड़ा फैसला (Infosys Promoters’ Big Decision) 💡
- Infosys के शेयरों में तेज़ी की एक खास वजह कंपनी के प्रमोटर्स का फैसला भी है।
- कंपनी ने ₹18,000 करोड़ के शेयर बायबैक (Share Buyback) की घोषणा की थी, लेकिन प्रमोटर्स (नारायण मूर्ति, नंदन नीलेकणी, सुधा मूर्ति आदि) ने इसमें हिस्सा न लेने का फैसला किया।
- विश्लेषकों (Analysts) का मानना है कि यह कदम कंपनी के भविष्य में उनके मजबूत भरोसे को दर्शाता है, जिससे निवेशकों का आत्मविश्वास बढ़ा है।
3. सकारात्मक तिमाही नतीजे (Positive Quarterly Results) 📈
- आईटी कंपनियों के हालिया दूसरी तिमाही (Q2) के नतीजे भी उम्मीद से बेहतर आए हैं।
- TCS, Infosys, और HCLTech जैसी बड़ी कंपनियों ने चुनौतीपूर्ण वैश्विक माहौल के बावजूद अच्छे प्रदर्शन से निवेशकों को प्रभावित किया है, जिससे उनके शेयरों को सपोर्ट मिला है।
- उदाहरण के लिए, HCLTech ने यूएई-आधारित DIB के साथ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) अपनाने में तेज़ी लाने के लिए साझेदारी भी की है, जिससे उसके शेयर को बढ़ावा मिला।
तेज़ी के पुराने कारणों (बेहतर तिमाही नतीजे और भारत-अमेरिका ट्रेड डील की उम्मीद) के अलावा, दो और बड़े फैक्टर इस सेक्टर को ‘रॉकेट’ बना रहे हैं:
1. H-1B वीज़ा पर राहत, ख़ुश हुईं IT कंपनियां! 🇺🇸
अमेरिका से आई एक बड़ी खबर ने आईटी कंपनियों के माथे से चिंता की लकीरें मिटा दी हैं। अमेरिकी प्रशासन ने साफ़ कर दिया है कि H-1B वीज़ा पर पहले से मौजूद अंतर्राष्ट्रीय ग्रेजुएट्स पर कोई नई $100,000 की फीस लागू नहीं होगी। पुराने H-1B वीज़ा धारक भी इस फीस से मुक्त रहेंगे।
- क्यों है यह बड़ी ख़बर? भारतीय आईटी कंपनियों का एक बड़ा हिस्सा अपने कर्मचारियों को अमेरिका में ऑन-साइट प्रोजेक्ट्स के लिए भेजता है। वीज़ा फीस बढ़ने का मतलब था सीधे लागत (Cost) का बढ़ना, जिससे उनका मुनाफा घट सकता था। इस राहत से TCS, Infosys और HCLTech जैसी कंपनियों का ऑपरेटिंग मार्जिन सुरक्षित हुआ है, जिससे निवेशकों का भरोसा और बढ़ गया।
2. ‘बाय-ऑन-डिप्स’ की रणनीति से घरेलू निवेशक हावी! 🇮🇳
पिछले एक साल में ग्लोबल मंदी की आशंकाओं के चलते विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) ने भारतीय आईटी शेयरों में जमकर बिकवाली की थी। इसके चलते कई आईटी स्टॉक अपने उच्चतम स्तर (Highs) से 20-30% तक गिर चुके थे, जिससे यह सेक्टर ‘ओवरसोल्ड टेरिटरी’ (Oversold Territory) में चला गया था।
- बदलाव की हवा: अब घरेलू संस्थागत निवेशक (DIIs), खासकर म्यूचुअल फंड्स (Mutual Funds), इस गिरावट को एक ‘खरीदने का सुनहरा मौका’ मान रहे हैं। उन्होंने विदेशी बिकवाली को ख़त्म करते हुए इन शेयरों में भारी खरीदारी की है, जिससे बाज़ार में ‘शॉर्ट-कवरिंग’ (Short-covering) भी हुई और शेयरों को तेज़ी से ऊपर जाने में मदद मिली।
🔥 भविष्य का आउटलुक: क्या यह सिर्फ़ शुरुआत है?
बाज़ार विश्लेषक मानते हैं कि आईटी सेक्टर में उछाल जारी रह सकता है। इसके पीछे ये बड़े कारण हैं:
| कंपनी/सेक्टर | ब्रोकरेज टारगेट प्राइस (अनुमानित) | संभावित तेज़ी की वजह |
| Infosys | ₹1,650 – ₹1,800 | प्रमोटर्स का बायबैक से बाहर रहना, डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन में तेज़ ग्रोथ। |
| HCLTech | ₹1,700 – ₹1,850 | मजबूत तिमाही नतीजे, सर्विसेज सेगमेंट में ग्रोथ गाइडेंस का सबसे बेहतर होना। |
| TCS | ₹3,600 – ₹4,000 | कंपनी की वित्तीय स्थिरता, AI और क्लाउड में बड़ा निवेश, नए बायबैक की संभावित घोषणा। |
| पूरा IT सेक्टर | – | US फेडरल रिज़र्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद, जिससे अमेरिकी अर्थव्यवस्था में मंदी का डर कम होगा और IT सर्विस की डिमांड बढ़ेगी। |
विशेषज्ञ की राय: BNP Paribas की रिपोर्ट के अनुसार, 2025 में भारतीय आईटी सेक्टर के लिए मैक्रो इकोनॉमिक माहौल पिछले दो वर्षों की तुलना में कहीं बेहतर है, और यह सेक्टर एक बड़े ‘पुनरुद्धार’ (Revival) के लिए तैयार है। डॉलर की मज़बूती भी इस सेक्टर को बल देगी।
निष्कर्ष:
अमेरिकी बाज़ार से अच्छे संकेत, वीज़ा पर बड़ी राहत, और घरेलू निवेशकों का बढ़ता भरोसा… इन सभी फैक्टर्स ने मिलकर TCS, Infosys और HCLTech को एक आकर्षक निवेश विकल्प बना दिया है। जानकार सलाह दे रहे हैं कि लंबी अवधि के निवेशक गिरावट पर खरीदारी (Buy-on-Dips) की रणनीति अपना सकते हैं, क्योंकि आने वाले साल इस सेक्टर के लिए ‘रिकवरी ईयर’ साबित हो सकते हैं।
(नोट: शेयर बाज़ार में निवेश जोखिमों के अधीन है। निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श अवश्य लें।)
संक्षेप में, अमेरिका से व्यापार समझौते की आस, इन्फोसिस के प्रमोटर्स का भरोसा और कंपनियों के अच्छे नतीजों ने मिलकर आईटी सेक्टर के शेयरों में यह शानदार तेज़ी लाई है।
स्टॉक मार्केट की इस गरमा-गरम खबर पर अधिक जानकारी के लिए, देखें यह वीडियो: IT शेयर्स में आज तेजी का दौर क्यों, क्या है बड़े ट्रिगर्स? यह वीडियो आईटी शेयरों में तेजी के कारणों पर और गहराई से चर्चा करता है।
IT Stocks Jump Reason: IT शेयर्स में आज तेजी का दौर क्यों, क्या है बड़े ट्रिगर्स? जानिए पूरी खबर
