

प्रवर्तन निदेशालय (ED) रिलायंस म्यूचुअल फंड द्वारा यस बैंक के एटी-1 बॉन्ड में ₹2,850 करोड़ के निवेश की जांच कर रहा है, जिसमें एक संदिग्ध क्विड प्रो क्वो व्यवस्था का संदेह है। एटी-1 बॉन्ड एक प्रकार का स्थायी बॉन्ड है जिसे बैंक द्वारा इक्विटी में बदला जा सकता है या बट्टे खाते में डाला जा सकता है।

मुख्य बातें:
- रिलायंस म्यूचुअल फंड का निवेश: अनिल अंबानी के रिलायंस म्यूचुअल फंड ने यस बैंक के एटी-1 बॉन्ड में ₹2,850 करोड़ का निवेश किया।
- क्विड प्रो क्वो का संदेह: ईडी को संदेह है कि यह निवेश क्विड प्रो क्वो व्यवस्था का हिस्सा था, जिसका अर्थ है कि निवेश के बदले में कोई लाभ या एहसान का आदान-प्रदान किया गया था।
- एटी-1 बॉन्ड: ये स्थायी बॉन्ड होते हैं जिनकी कोई परिपक्वता तिथि नहीं होती है और इन्हें इक्विटी में बदला जा सकता है या बैंक द्वारा बट्टे खाते में डाला जा सकता है, खासकर वित्तीय संकट के दौरान।
- ऋण का दुरुपयोग: आरोप है कि रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर ने मंजूरी प्रक्रियाओं को दरकिनार करते हुए अज्ञात संबंधित पक्षों के माध्यम से धन का दुरुपयोग किया।
- ईडी के छापे: ईडी ने जांच के तहत मुंबई में 50 कंपनियों और 25 व्यक्तियों से संबंधित कई स्थानों पर छापेमारी की।
- रिलायंस समूह की प्रतिक्रिया: रिलायंस पावर और रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर ने कहा कि ईडी की कार्रवाई का उनके व्यवसाय संचालन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है। उन्होंने यह भी दावा किया कि मीडिया रिपोर्ट रिलायंस कम्युनिकेशंस और रिलायंस होम फाइनेंस के पुराने लेनदेन से संबंधित हैं।