मुंबई। पिछले सप्ताहांत (Weekend) भारतीय शेयर बाजार में बड़ी हलचल देखने को मिली। ग्लोबल संकेतों, अमेरिका-चीन ट्रेड वॉर की चिंता और सोने की कीमतों में उतार-चढ़ाव ने बाजार का रुख बदल दिया। यहां जानते हैं ऐसे 10 बड़े बदलाव जो इस वीकेंड बाजार के लिए गेमचेंजर साबित हुए:

1. गिफ्ट निफ्टी का जलवा
- बदलाव: सिंगापुर निफ्टी (SGX Nifty) की जगह लेने वाले गिफ्ट निफ्टी (GIFT Nifty) में ट्रेडिंग वॉल्यूम में सुधार दिखा, जो भारतीय बाजार के खुलने से पहले ग्लोबल सेंटिमेंट को सेट करता है।
- असर: गिफ्ट निफ्टी में शुरुआती सकारात्मक या नकारात्मक संकेत भारतीय बाजारों की ओपनिंग को प्रभावित करते हैं, जिससे ट्रेडर्स को दिशा मिलती है।
2. ट्रंप के चीन पर 100% टैरिफ का ऐलान!
- बदलाव: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन से आयातित कई वस्तुओं पर 100% तक टैरिफ लगाने की घोषणा की।
- असर: यह ग्लोबल ट्रेड वॉर को बढ़ा सकता है, जिससे एशियाई और वैश्विक बाजारों में अस्थिरता बढ़ी। हालांकि, भारतीय निर्यातकों के लिए यह एक बड़ा मौका है, क्योंकि अमेरिकी खरीदार अब चीन के बदले भारत की तरफ रुख कर सकते हैं, खासकर कपड़ा और खिलौना क्षेत्रों में।
3. विदेशी निवेशकों का लौटा भरोसा
- बदलाव: शुरुआती बिकवाली के बाद, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPIs) ने सप्ताहांत में भारतीय इक्विटी मार्केट में आक्रामक खरीदारी की।
- असर: FPIs का शुद्ध प्रवाह बाजार के लिए सकारात्मक संकेत है, जो घरेलू लचीलेपन और वैश्विक स्थिरता में सुधार को दर्शाता है।
4. सोने की कीमतों में गिरावट के बाद उछाल
- बदलाव: रिकॉर्ड ऊंचाई छूने के बाद सोने की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई, लेकिन सप्ताहांत में फिर से उछाल आया।
- असर: जब-जब वैश्विक अस्थिरता बढ़ती है (जैसे ट्रेड वॉर), सोना ‘सुरक्षित निवेश’ के रूप में चमकता है। सोने की कीमतों में उछाल शेयर बाजार से पैसा निकलकर सुरक्षित एसेट क्लास में जाने का संकेत हो सकता है।
5. आईटी स्टॉक्स पर H1B वीजा की सख्ती का दबाव
- बदलाव: अमेरिकी प्रशासन द्वारा H1B वीजा नियमों में सख्ती की खबरों से आईटी सेक्टर के शेयरों पर दबाव दिखा।
- असर: इंफोसिस और टीसीएस जैसे बड़े आईटी शेयरों में कमजोरी आने से निफ्टी पर भी हल्का दबाव महसूस हुआ।
6. कॉर्पोरेट आय की घोषणाएं
- बदलाव: कई कंपनियों ने अपने दूसरी तिमाही (Q2) के नतीजे जारी किए।
- असर: जिन कंपनियों के नतीजे उम्मीद से बेहतर रहे, उनके शेयरों में तेजी आई, जबकि खराब नतीजों वाली कंपनियों के शेयर गिरे। यह सेक्टर-विशेष चालों को ट्रिगर करता है।
7. मिडकैप और स्मॉलकैप का शानदार प्रदर्शन
- बदलाव: बड़े सूचकांकों के मुकाबले मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स में जोरदार रिकवरी और तेजी देखने को मिली।
- असर: यह संकेत देता है कि निवेशक बड़े शेयरों के बाद अब छोटे और मझोले शेयरों में वैल्यू तलाश रहे हैं, जो बाजार की चौड़ी भागीदारी (Broad-Based Rally) को दर्शाता है।
8. सरकारी नीतियों और GST का असर
- बदलाव: कुछ सेक्टरों में जीएसटी कटौती लागू होने या सरकारी घोषणाओं से जुड़े शेयरों में तेजी आई।
- असर: उदाहरण के लिए, जीएसटी कटौती से जुड़े शेयरों (जैसे कुछ ऑटो कंपनियां) में खरीदारी बढ़ी।
9. वैश्विक बाजारों की दिशा
- बदलाव: अमेरिका के नैस्डैक (NASDAQ) और S&P 500 में गिरावट दर्ज हुई, जिसका मुख्य कारण चीन टैरिफ की घोषणा थी।
- असर: कमजोर वैश्विक संकेतों के कारण भारतीय बाजार भी गैप-डाउन (Gap-down) खुल सकते हैं, हालांकि घरेलू रिकवरी ने इसे संभाला।
10. कच्चे तेल की कीमतों में स्थिरता
- बदलाव: कच्चे तेल की कीमतें पिछले कुछ दिनों से स्थिर बनी हुई हैं।
- असर: भारत अपनी जरूरत का अधिकांश तेल आयात करता है। स्थिर तेल कीमतें महंगाई और व्यापार घाटे पर दबाव कम करती हैं, जो भारतीय अर्थव्यवस्था और बाजार के लिए सकारात्मक है।
यह सप्ताहांत ग्लोबल राजनीति, व्यापार और कमोडिटी मार्केट की चालों से भरा रहा, जिसका सीधा असर आने वाले हफ्ते में भारतीय बाजार की दिशा पर पड़ेगा।