बड़ा इनकम टैक्स रिफंड: क्या टैक्स डिपार्टमेंट जानबूझकर देर करता है?

हाल ही में, लाखों टैक्सपेयर्स अपने आयकर रिफंड का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। कई लोगों का सवाल है कि क्या ₹50,000 या उससे अधिक के बड़े रिफंड में जानबूझकर देरी की जाती है?

इसका सीधा जवाब है कि आयकर विभाग जानबूझकर किसी भी रिफंड में देरी नहीं करता। हालांकि, आयकर विभाग के नियमों के अनुसार, रिफंड की रकम पर कोई ऊपरी सीमा तय नहीं है। चाहे आपका रिफंड ₹10,000 हो या ₹1 लाख से ज्यादा, सभी को एक ही प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है।

फिर भी, विशेषज्ञों का मानना है कि बड़ी राशि के रिफंड की विभाग द्वारा अतिरिक्त जांच (extra checks) की जा सकती है। यह जांच किसी भी तरह की गड़बड़ी या धोखाधड़ी को रोकने के लिए की जाती है, जिससे प्रक्रिया में थोड़ी देरी हो सकती है।

आपका रिफंड क्यों अटक सकता है?

बड़े रिफंड के अलावा, कुछ सामान्य गलतियां भी हैं जो आपके रिफंड को रोक सकती हैं:

  1. गलत बैंक विवरण: यह सबसे आम कारण है। यदि आपने ITR में गलत बैंक खाता संख्या, IFSC कोड, या बैंक का नाम दिया है, तो रिफंड विफल हो जाएगा।
  2. प्री-वैलिडेटेड बैंक खाता नहीं: आयकर विभाग अब रिफंड केवल प्री-वैलिडेटेड बैंक खाते में भेजता है। यदि आपका खाता वैलिडेट नहीं है, तो रिफंड नहीं मिलेगा।
  3. पैन-आधार लिंक न होना: आपका पैन कार्ड आपके आधार कार्ड से लिंक होना अनिवार्य है। अगर यह लिंक नहीं है, तो रिफंड की प्रक्रिया रुक जाएगी।
  4. डेटा बेमेल (Mismatch): यदि आपकी ITR में दी गई TDS, TCS, या अन्य जानकारी आपके फॉर्म 26AS या AIS से मेल नहीं खाती, तो आपका रिटर्न जांच के लिए रुक सकता है।
  5. ई-वेरिफिकेशन में देरी: ITR फाइल करने के बाद उसे ई-वेरिफाई करना जरूरी है। यदि आप ऐसा नहीं करते हैं, तो आपकी ITR फाइलिंग अधूरी मानी जाएगी।

रिफंड स्टेटस कैसे जानें और क्या करें?

यदि आपको लगता है कि आपका रिफंड अटक गया है, तो ये कदम उठाएं:

  • ऑनलाइन स्टेटस चेक करें: आयकर विभाग के ई-फाइलिंग पोर्टल www.incometax.gov.in पर लॉग इन करें और ‘View Filed Returns’ सेक्शन में जाकर अपने रिफंड का स्टेटस चेक करें।
  • NSDL पोर्टल: आप NSDL की वेबसाइट https://tin.tin.nsdl.com/oltas/refundstatuslogin.html पर अपना पैन और असेसमेंट ईयर डालकर भी स्टेटस जान सकते हैं।
  • रिफंड री-इश्यू रिक्वेस्ट: यदि स्टेटस ‘Refund Failed’ दिखाता है, तो इसका मतलब है कि रिफंड आपके खाते में नहीं पहुंचा। ऐसी स्थिति में, आप पोर्टल पर ‘Refund Re-issue Request’ सबमिट करके सही बैंक विवरण अपडेट कर सकते हैं।
  • नोटिस का जवाब दें: यदि विभाग ने कोई नोटिस (जैसे सेक्शन 139(9) के तहत) भेजा है, तो उसका तुरंत जवाब दें। यह आपके रिटर्न में मिली गलती को सुधारने के लिए होता है।

निष्कर्ष: बड़े रिफंड में थोड़ी देरी हो सकती है, लेकिन यह कोई बड़ी चिंता का विषय नहीं है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि ITR फाइल करते समय सभी जानकारी सही और सटीक हो, और आपका बैंक खाता प्री-वैलिडेटेड हो।

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