नई दिल्ली: अमेरिकी केंद्रीय बैंक, फेडरल रिजर्व (US Fed) ने आज अपनी बहुप्रतीक्षित बैठक के बाद ब्याज दरों में 0.25% की कटौती का ऐलान किया है। इस कटौती के बाद, फेडरल फंड्स रेट की नई दर 4.00% से 4.25% के बीच हो गई है। यह साल 2025 में फेड की पहली ब्याज दर कटौती है, जो कमजोर होती अमेरिकी अर्थव्यवस्था और स्थिर होती महंगाई के संकेतों के बीच आई है।

यह फैसला भारत के लिए क्यों है अहम?
फेड का यह फैसला भारतीय बाजार और आम नागरिक, दोनों के लिए महत्वपूर्ण है। इस कटौती के संभावित प्रभाव इस प्रकार हैं:
- शेयर बाजार में तेजी: अमेरिका में ब्याज दरें घटने से विदेशी निवेशक भारत जैसे उभरते बाजारों की ओर आकर्षित होंगे। इससे भारतीय शेयर बाजार में विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) का निवेश बढ़ सकता है, जिससे बाजार में तेजी आने की संभावना है।
- रुपये को मिलेगी मजबूती: विदेशी निवेश बढ़ने से डॉलर की मांग कम होगी और भारतीय रुपये की कीमत में मजबूती आ सकती है।
- कर्ज होंगे सस्ते?: फेड के इस कदम से भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) पर भी अपनी रेपो रेट में कटौती करने का दबाव बढ़ेगा। अगर RBI ऐसा करता है, तो भारत में होम लोन, कार लोन और पर्सनल लोन जैसे कर्ज सस्ते हो सकते हैं, जिससे आम लोगों की खर्च करने की क्षमता बढ़ेगी।
- आयात पर असर: रुपये के मजबूत होने से भारत के लिए आयात करना सस्ता हो जाएगा, जिसका सीधा फायदा उन कंपनियों को मिलेगा जो कच्चा माल या अन्य सामान आयात करती हैं।
विशेषज्ञों की राय
बाजार विशेषज्ञों के अनुसार, फेड का यह फैसला पहले से ही बाजार में उम्मीदों के मुताबिक था। हालांकि, अब निवेशकों की नजर फेड चेयरमैन जेरोम पॉवेल के बयान पर रहेगी, जिसमें वह भविष्य की नीतियों और आगे की ब्याज दर कटौती के संकेतों के बारे में बता सकते हैं। अगर पॉवेल का रुख ‘नरम’ (dovish) रहता है, तो भारतीय बाजारों के लिए यह और भी सकारात्मक संकेत होगा।
यह कटौती, अमेरिका में नौकरियों के कमजोर होते आंकड़ों और महंगाई के 2.9% के स्तर पर बने रहने के बीच की गई है। माना जा रहा है कि फेड भविष्य में भी और कटौती कर सकता है। अगले कुछ महीनों में, निवेशकों को अक्टूबर और दिसंबर की बैठकों पर भी नजर रखनी चाहिए, जहां और कटौती की संभावना जताई जा रही है।
संक्षेप में, फेड का यह फैसला भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक सकारात्मक कदम है, जिससे निवेश, रुपये की मजबूती और भविष्य में कर्ज के सस्ते होने की उम्मीद जगी है।