नई दिल्ली: डेकोरेटिव वॉल पैनल्स और लैमिनेट्स बनाने वाली कंपनी यूरो प्रतीक सेल्स लिमिटेड के आईपीओ को पहले दिन (16 सितंबर, 2025) निवेशकों से मिला-जुला रिस्पॉन्स मिला। बीएसई के आंकड़ों के अनुसार, आईपीओ को पहले दिन कुल मिलाकर 0.46 गुना (46%) सब्सक्राइब किया गया।

निवेशकों की प्रतिक्रिया:
- गैर-संस्थागत निवेशकों (NIIs) ने सबसे ज्यादा उत्साह दिखाया और उनका हिस्सा 0.93 गुना सब्सक्राइब हुआ। इसमें बड़े गैर-संस्थागत निवेशकों (bNII) का हिस्सा 1.32 गुना सब्सक्राइब हुआ, जबकि छोटे गैर-संस्थागत निवेशकों (sNII) ने 0.17 गुना तक बोली लगाई।
- खुदरा निवेशकों (Retail Investors) का हिस्सा थोड़ा धीमा रहा और यह 0.35 गुना सब्सक्राइब हुआ।
- कर्मचारी वर्ग का हिस्सा सबसे ज्यादा 1.30 गुना सब्सक्राइब हुआ, जो कर्मचारियों के विश्वास को दर्शाता है।
- योग्य संस्थागत खरीदारों (QIBs) ने अपने हिस्से में सबसे कम रुचि दिखाई, और उनका हिस्सा सिर्फ 0.28 गुना सब्सक्राइब हुआ।
आईपीओ की मुख्य बातें:
- मूल्य बैंड और लॉट साइज: आईपीओ का प्राइस बैंड ₹235 से ₹247 प्रति शेयर तय किया गया है, और एक लॉट में 60 शेयर हैं।
- ओएफएस (OFS): यह आईपीओ पूरी तरह से ‘ऑफर फॉर सेल’ है, जिसमें प्रमोटर और मौजूदा शेयरधारक अपनी हिस्सेदारी बेच रहे हैं। कंपनी को इस इश्यू से कोई नई पूंजी नहीं मिलेगी।
- एंकर निवेशक: आईपीओ खुलने से ठीक एक दिन पहले, कंपनी ने एंकर निवेशकों से ₹134.97 करोड़ जुटाए।
- ग्रे मार्केट प्रीमियम (GMP): वर्तमान में, ग्रे मार्केट प्रीमियम (GMP) शून्य पर कारोबार कर रहा है, जो लिस्टिंग के समय किसी बड़े प्रीमियम की उम्मीद को कम करता है।
कंपनी के जोखिम:
विश्लेषकों ने कुछ जोखिमों की ओर भी ध्यान आकर्षित किया है, जैसे कि विदेशी आपूर्तिकर्ताओं पर कंपनी की निर्भरता, जो विदेशी मुद्रा जोखिम को बढ़ा सकती है। इसके अलावा, कंपनी का एक बड़ा राजस्व हिस्सा (66%) केवल वॉल पैनल्स से आता है, जो उत्पाद पर अत्यधिक निर्भरता को दर्शाता है।
आगे क्या:
आईपीओ सब्सक्रिप्शन के लिए 18 सितंबर, 2025 तक खुला रहेगा। निवेशकों को निवेश का निर्णय लेने से पहले कंपनी के वित्तीय प्रदर्शन, जोखिमों और बाजार की स्थिति का सावधानीपूर्वक मूल्यांकन करना चाहिए।