30 सितंबर की ‘टेंशन’: क्या टैक्स ऑडिट की डेडलाइन बढ़ेगी या देना होगा जुर्माना?

नई दिल्ली: आयकर विभाग द्वारा कर ऑडिट रिपोर्ट जमा करने की अंतिम तिथि 30 सितंबर, 2025 है, जो तेजी से नजदीक आ रही है। हालांकि, देश भर के चार्टर्ड अकाउंटेंट्स (CA) और व्यापारिक संगठन वित्त मंत्रालय से इस समय सीमा को बढ़ाने की लगातार मांग कर रहे हैं। इस मांग के पीछे कई प्रमुख कारण हैं, जिन्हें पेशेवर और करदाता दोनों ही महसूस कर रहे हैं।

मुख्य कारण और चुनौतियां:

  1. ITR फाइलिंग की तारीख में विस्तार: इस साल, गैर-ऑडिट वाले करदाताओं के लिए आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल करने की अंतिम तिथि 31 जुलाई से बढ़ाकर 15 सितंबर, 2025 कर दी गई थी। इस विस्तार के कारण, पेशेवरों को ITR फाइलिंग में अधिक समय देना पड़ा, जिससे टैक्स ऑडिट का काम प्रभावित हुआ। ITR की अंतिम तिथि समाप्त होने के बाद, टैक्स ऑडिट के लिए बहुत कम समय बचा है।
  2. पोर्टल में तकनीकी दिक्कतें: आयकर विभाग के ई-फाइलिंग पोर्टल पर तकनीकी समस्याएं और धीमी गति से काम होना एक बड़ी चुनौती बनी हुई है। कई बार लॉग-इन फेल होना, फॉर्म अपलोड न होना और प्रोसेसिंग में लगने वाला अतिरिक्त समय, पेशेवरों के लिए काम को समय पर पूरा करना मुश्किल बना रहा है।
  3. फॉर्म में देरी और अपडेट: इस साल, ITR और टैक्स ऑडिट के फॉर्म देर से जारी किए गए, और उनमें कई बार अपडेट भी हुए। इससे करदाताओं और पेशेवरों को तैयारी के लिए पर्याप्त समय नहीं मिला।
  4. त्योहारों का समय: आगामी त्योहारों के कारण भी काम में रुकावट आने की संभावना है, जिससे समय सीमा के भीतर काम पूरा करना और भी कठिन हो जाएगा।

पेशेवर संगठनों की मांग:

कई पेशेवर और व्यापारिक संगठनों ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखकर टैक्स ऑडिट रिपोर्ट (TAR) की समय सीमा कम से कम 30 नवंबर, 2025 तक बढ़ाने का अनुरोध किया है। उनका तर्क है कि जल्दबाजी में ऑडिट करने से रिपोर्ट में गलतियां हो सकती हैं, जिससे करदाताओं पर जुर्माना और विवादों का खतरा बढ़ सकता है।

भीलवाड़ा टैक्स बार एसोसिएशन ने भी खटकड़ाया राजस्थान हाईकोर्ट का दरवाजा

भीलवाड़ा, राजस्थान: आयकर ऑडिट रिपोर्ट दाखिल करने की 30 सितंबर की समय सीमा नजदीक आते ही देशभर में करदाताओं और पेशेवरों की चिंताएं बढ़ गई हैं। इसी बीच, भीलवाड़ा टैक्स बार एसोसिएशन ने एक बड़ा कदम उठाते हुए राजस्थान हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका (PIL) दायर की है, जिसमें आयकर ऑडिट की अंतिम तिथि को आगे बढ़ाने की मांग की गई है।

अदालत से क्या है उम्मीद?

भीलवाड़ा टैक्स बार एसोसिएशन ने हाईकोर्ट से गुहार लगाई है कि वह वित्त मंत्रालय और CBDT को निर्देश दे कि इन व्यवहारिक कठिनाइयों को देखते हुए टैक्स ऑडिट की अंतिम तिथि को कम से कम दो महीने के लिए 30 नवंबर, 2025 तक बढ़ाया जाए।

विशेषज्ञों का मानना है कि यदि याचिका पर सुनवाई होती है और हाईकोर्ट इस मामले में कोई हस्तक्षेप करता है, तो यह देश भर के करदाताओं और पेशेवरों के लिए एक बड़ी राहत साबित हो सकती है। यह ध्यान देने योग्य है कि पिछले वर्षों में भी, बॉम्बे, गुजरात और पंजाब-हरियाणा जैसे हाईकोर्ट ने इसी तरह की याचिकाओं के आधार पर समय सीमा में विस्तार दिया था, जिसके बाद CBDT को पूरे देश के लिए तारीखें बढ़ानी पड़ी थीं।

फिलहाल, इस मामले पर राजस्थान हाईकोर्ट में सुनवाई का इंतजार है। यदि अदालत इस मुद्दे को गंभीरता से लेती है, तो यह आयकर विभाग पर समय सीमा बढ़ाने का दबाव और बढ़ा सकता है, जिससे लाखों करदाताओं को राहत मिल सकती है।

वित्त मंत्रालय का रुख:

फिलहाल, वित्त मंत्रालय या केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) की ओर से समय सीमा बढ़ाने को लेकर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है। हालांकि, दबाव लगातार बढ़ रहा है। करदाताओं और पेशेवरों को सलाह दी जाती है कि वे अंतिम समय का इंतजार न करें और निर्धारित समय सीमा के भीतर अपना काम पूरा करने का प्रयास करें, ताकि संभावित जुर्माने और असुविधा से बचा जा सके।

निष्कर्ष:

हालांकि पेशेवर और व्यापारिक समुदाय समय सीमा बढ़ाने की पुरजोर मांग कर रहा है, लेकिन अभी तक सरकार की ओर से कोई संकेत नहीं मिला है। यह देखना बाकी है कि क्या सरकार इन चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए करदाताओं और पेशेवरों को राहत देगी, या 30 सितंबर की समय सीमा बरकरार रहेगी।

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