रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर की दिग्गज कंपनी सुजलॉन एनर्जी ने इस तिमाही (Q2 FY26) में कमाल कर दिया है! कंपनी ने पिछले 30 सालों का अपना सबसे बड़ा तिमाही मुनाफा दर्ज किया है।
सुजलॉन का यह प्रदर्शन दिखाता है कि वह भारतीय रिन्यूएबल एनर्जी बाज़ार में एक मजबूत खिलाड़ी बनकर उभरी है, खासकर जब देश 2032 तक 122 GW पवन ऊर्जा क्षमता हासिल करने का लक्ष्य बना रहा है। नतीजों के ऐलान के बाद कंपनी के शेयर में भी उछाल देखने को मिला।
| प्रमुख सूचक (Key Metric) | Q2 FY25 (पिछले साल) | Q2 FY26 (इस साल) | वृद्धि (YoY Growth) |
| शुद्ध लाभ (PAT) | ₹201 करोड़ | ₹1,279 करोड़ | 538% |
| राजस्व (Revenue) | ₹2,093 करोड़ | ₹3,866 करोड़ | 85% |
| वितरित क्षमता (Deliveries) | 256 MW | 565 MW | 121% |
कंपनी का दावा है: यह सिर्फ एक तिमाही का प्रदर्शन नहीं है, बल्कि भारत के पवन ऊर्जा बाजार में कंपनी की मजबूत स्थिति, बेहतरीन तकनीक और बेहतर कार्यान्वयन (Execution) क्षमताओं को दर्शाता है। सरकार का ‘मेक इन इंडिया’ और रिन्यूएबल एनर्जी पर फोकस सुजलॉन जैसी कंपनियों के लिए बड़े मौके खोल रहा है।
शेयर बाजार पर असर
इन बेहतरीन नतीजों के बाद, उम्मीद है कि कंपनी के शेयर में भी निवेशकों का भरोसा और बढ़ेगा और यह रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर में एक मजबूत दावेदार बनकर उभरेगी।।
डेफर टैक्स एसेट्स (DTA) को सरल भाषा में कंपनी द्वारा भविष्य में टैक्स कटौती के लिए बचाकर रखा गया एक क्रेडिट या अधिकार कह सकते हैं। यह एक तरह की अग्रिम छूट है जो कंपनी भविष्य में अपने टैक्स बिल को कम करने के लिए इस्तेमाल कर सकती है।
DTA तब उत्पन्न होता है जब किसी वित्तीय वर्ष में कंपनी का अकाउंटिंग लाभ (Accounting Profit), उसके टैक्स देने योग्य लाभ (Taxable Profit) से कम होता है। इसके मुख्य दो कारण होते हैं:
सुजलॉन एनर्जी कई वर्षों तक वित्तीय संकट में रही थी, जिसके कारण कंपनी को भारी नुकसान हुआ था।
निष्कर्ष: DTA वह पैसा नहीं है जो कंपनी ने तुरंत कमाया है, बल्कि यह वह टैक्स सेविंग है जिसे वह अतीत में हुए नुकसानों या अकाउंटिंग अंतरों के कारण भविष्य में उपयोग करने वाली थी, लेकिन उसे इस तिमाही में आय के रूप में रिकॉर्ड कर लिया गया है। यह कंपनी की वित्तीय सेहत में सुधार का एक मजबूत संकेत है।
📈 सुजलॉन एनर्जी: भविष्य के लक्ष्य और रोडमैप 🚀
सुजलॉन एनर्जी, जो अब अपने वित्तीय स्वास्थ्य को मज़बूत कर चुकी है, भारत की अक्षय ऊर्जा क्रांति में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए पूरी तरह से तैयार है। कंपनी ने भारत सरकार के 2030 तक 500 GW नॉन-फॉसिल फ्यूल क्षमता के महत्वाकांक्षी लक्ष्य के अनुरूप अपनी रणनीतिक योजनाएँ बनाई हैं।
यहाँ सुजलॉन एनर्जी के भविष्य के प्रमुख वित्तीय और परिचालन लक्ष्य दिए गए हैं:
1. बाजार हिस्सेदारी और उत्पादन लक्ष्य (Market Share & Production)
| लक्ष्य का क्षेत्र | समय-सीमा | लक्ष्य विवरण (Tentative Targets) |
| विंड मार्केट शेयर | 2030 तक | भारतीय पवन ऊर्जा बाज़ार में 25% से 30% की मज़बूत हिस्सेदारी बनाए रखना। (वर्तमान में यह लगभग 32% है)। |
| ऑर्डर बुक | निरंतर | ऑर्डर बुक (वर्तमान में 6.2 GW) को मजबूत निष्पादन (Execution) के माध्यम से लगातार बढ़ाना और राजस्व में बदलना। |
| डिलीवरी ग्रोथ | मध्यम अवधि | अपनी वार्षिक विंड टरबाइन जनरेटर (WTG) डिलीवरी को उच्च दर से बढ़ाना, जो हाल ही में 121% बढ़ी है। |
सुजलॉन के CEO के अनुसार, “यह एक अल्पकालिक प्रदर्शन नहीं है, बल्कि भारत की अक्षय ऊर्जा क्रांति में हमारी स्थायी और अग्रणी भूमिका का प्रमाण है। निरंतरता बनाए रखना और निष्पादन की रफ्तार बढ़ाना हमारा मुख्य फोकस है।”
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