नई दिल्ली। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने टैक्स ऑडिट कराने वाले करदाताओं को बड़ी राहत देते हुए महत्वपूर्ण घोषणा की है। वित्त वर्ष 2024–25 (आकलन वर्ष 2025–26) के लिए विभिन्न टैक्स ऑडिट रिपोर्ट दाखिल करने की अंतिम तिथि को एक महीने के लिए बढ़ा दिया गया है।
पहले यह अंतिम तिथि 30 सितंबर 2025 थी, जिसे अब बढ़ाकर 31 अक्टूबर 2025 कर दिया गया है।
क्यों बढ़ाई गई अंतिम तिथि?
CBDT ने यह फैसला कर पेशेवरों (Tax Professionals) और विभिन्न व्यापारिक संगठनों की मांगों के बाद लिया है। तिथि विस्तार के प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं:
प्राकृतिक आपदाएं और रुकावटें: देश के कई हिस्सों में आई बाढ़ और अन्य प्राकृतिक आपदाओं के कारण सामान्य व्यापार और पेशेवर गतिविधियाँ प्रभावित हुईं। इसके चलते चार्टर्ड अकाउंटेंट्स और व्यवसायों को ऑडिट रिपोर्ट समय पर पूरी करने में मुश्किल आ रही थी।
- उच्च न्यायालयों का हस्तक्षेप: राजस्थान और कर्नाटक सहित कई राज्यों के उच्च न्यायालयों में रिट याचिकाएं दायर की गई थीं, जिसमें कोर्ट ने CBDT को समय सीमा बढ़ाने का निर्देश दिया था।
- वर्कलोड में वृद्धि: गैर-ऑडिट मामलों में ITR दाखिल करने की अंतिम तिथि (जो कि पहले 31 जुलाई थी) को बढ़ाकर 15 सितंबर 2025 किया गया था। इस कारण चार्टर्ड अकाउंटेंट्स पर टैक्स ऑडिट का काम पूरा करने के लिए केवल 14 दिन का ही समय बचा था, जिसे अव्यावहारिक माना गया।
- CBDT ने कहा कि करदाताओं की कठिनाइयों को देखते हुए और उन्हें अनुपालन के लिए पर्याप्त समय देने के लिए यह निर्णय लिया गया है। इससे यह सुनिश्चित होगा कि करदाता और पेशेवर बेहतर गुणवत्ता के साथ अपनी ऑडिट रिपोर्ट जमा कर सकें।
यह राहत क्यों मिली?
- प्रोफेशनल्स का दबाव: चार्टर्ड अकाउंटेंट्स (CA) और टैक्स बार एसोसिएशंस ने शिकायत की थी कि ITR फाइलिंग की तारीखें समाप्त होने के बाद टैक्स ऑडिट रिपोर्ट पूरी करने के लिए बहुत कम समय (लगभग 14 दिन) बचा था, जिससे काम की गुणवत्ता प्रभावित हो रही थी।
- अदालती निर्देश: राजस्थान और कर्नाटक जैसे राज्यों के उच्च न्यायालयों ने सरकार को निर्देश दिया था कि वह ऑडिट रिपोर्ट की अंतिम तिथि बढ़ाए, ताकि करदाताओं को अनुपालन के लिए पर्याप्त समय मिल सके।
- तकनीकी और प्राकृतिक बाधाएं: रिपोर्ट में तकनीकी (पोर्टल ग्लिच) और प्राकृतिक आपदाओं (बाढ़, आदि) के कारण काम में रुकावट आने का हवाला भी दिया गया था।
किसे होगा फायदा?
इस विस्तार से मुख्य रूप से उन व्यवसायों और पेशेवरों को फायदा होगा, जिनके लिए आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 44AB के तहत ऑडिट कराना अनिवार्य है। इनमें शामिल हैं:
- वह व्यवसाय जिनका वार्षिक टर्नओवर निर्धारित सीमा (जैसे ₹1 करोड़ या कुछ मामलों में ₹10 करोड़) से अधिक है।
- वह पेशेवर जिनकी सकल प्राप्तियाँ (Gross Receipts) ₹50 लाख से अधिक हैं।
ITR भरने की नई समय-सीमा (ऑडिट मामलों के लिए):
ऑडिट रिपोर्ट दाखिल करने की तारीख बढ़ने से, जिन करदाताओं के लिए ऑडिट अनिवार्य है, उनके लिए इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) दाखिल करने की अंतिम तिथि भी स्वतः ही 31 अक्टूबर 2025 ही बनी रहेगी। यह एक बड़ी राहत है, क्योंकि अब ITR और ऑडिट रिपोर्ट दोनों के लिए एक ही महीना मिल गया है।
CBDT ने सभी करदाताओं से अपील की है कि अंतिम तिथि का इंतज़ार किए बिना, इस अतिरिक्त समय का उपयोग करते हुए जल्द से जल्द अपनी ऑडिट रिपोर्ट और ITR दाखिल करें।
यह वीडियो कर्नाटक हाई कोर्ट के उस फैसले के बारे में बता रहा है, जिसमें कोर्ट ने टैक्स ऑडिट की तारीख 31 अक्टूबर 2025 तक बढ़ाने का निर्देश दिया था, जो कि CBDT के अंतिम निर्णय का आधार बना। Tax Audit date extended ay 2025–26 #incometax
Tax Audit date extended ay 2025–26 #incometax — YouTube
