नई दिल्ली/न्यूयॉर्क: भारतीय समयानुसार आज शाम को अमेरिका से जारी होने वाले दो बेहद महत्वपूर्ण आर्थिक आंकड़ों पर सोने और चांदी के निवेशकों की निगाहें टिकी हुई हैं। बाजार को उम्मीद है कि ये डेटा सोने की कीमतों में अगली बड़ी चाल (Next Big Move) ला सकते हैं।
कौन से डेटा हैं महत्वपूर्ण?
- सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का अंतिम अनुमान: यह डेटा अमेरिकी अर्थव्यवस्था के स्वास्थ्य को दर्शाता है।
- व्यक्तिगत उपभोग खर्च (PCE) और व्यक्तिगत आय: यह फेडरल रिजर्व का पसंदीदा महंगाई गेज है और ब्याज दर के फैसलों पर सीधा असर डालता है।
सोने की कीमतों पर संभावित असर:
- यदि डेटा कमजोर आया (GDP घटा/महंगाई नरम हुई):
- सोने को मिलेगी मजबूती: कमजोर आर्थिक आंकड़े फेडरल रिजर्व पर ब्याज दरों में कटौती करने का दबाव बढ़ाएंगे।
- परिणाम: डॉलर कमजोर होगा, और ब्याज न देने वाला सोना निवेशकों के लिए अधिक आकर्षक हो जाएगा, जिससे सोने के भाव में तेज उछाल आ सकता है
यदि डेटा मजबूत आया (GDP बढ़ा/महंगाई मजबूत हुई):
- सोने पर दबाव बढ़ेगा: मजबूत अर्थव्यवस्था और बढ़ती महंगाई से फेडरल रिजर्व ब्याज दरों को लंबे समय तक ऊंचा रख सकता है।
- परिणाम: डॉलर मजबूत होगा, जिससे सोने की कीमतों में गिरावट आ सकती है, और यह रिकॉर्ड स्तर से और नीचे फिसल सकता है।
ठहराव की मुख्य वजह
बाजार विश्लेषकों का मानना है कि सोने की कीमतों में यह स्थिरता अमेरिका के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के अंतिम अनुमान और व्यक्तिगत उपभोग खर्च (PCE) डेटा के जारी होने के कारण आई है। PCE डेटा फेडरल रिजर्व का सबसे पसंदीदा महंगाई गेज है और इसका सीधा असर ब्याज दरें तय करने पर होता है।
बाजार की निगाहें इन आंकड़ों पर:
- जीडीपी अनुमान: यह अमेरिकी अर्थव्यवस्था की ताकत को दर्शाता है। अगर ग्रोथ अनुमान से बेहतर आती है, तो यह डॉलर को मजबूत कर सोने पर दबाव डाल सकता है।
- PCE इंडेक्स: महंगाई के इस महत्वपूर्ण सूचकांक में नरमी आने पर ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदें बढ़ जाएंगी, जिससे सोने को तगड़ा समर्थन मिलेगा और इसकी कीमतों में उछाल आ सकता है।
वर्तमान बाजार भाव (गुरुवार शाम):
- अंतर्राष्ट्रीय बाजार (Spot Gold): $3,730 से $3,765 प्रति औंस के आसपास स्थिर बना हुआ है।
- घरेलू बाजार (MCX): मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर अक्टूबर/दिसंबर वायदा मामूली गिरावट या बढ़त के साथ कारोबार कर रहा है। 24 कैरेट सोने (10 ग्राम) का भाव अभी भी ₹1,13,500 के आसपास बना हुआ है, जबकि चांदी में थोड़ी मजबूती देखने को मिली है।
बाजार विशेषज्ञों की राय और आगे का लक्ष्य:
- सोने पर नजरिया: विशेषज्ञों का मानना है कि सोने की कीमतों में एक करेक्शन (Correction) आना बाकी था। कुछ विश्लेषकों के अनुसार, सोने की कीमतों में 8 से 10% की गिरावट आ सकती है, जिसके बाद इसे दोबारा खरीदारी का अच्छा मौका माना जा सकता है। गिरावट के बावजूद, भू-राजनीतिक तनाव और केंद्रीय बैंकों की लगातार खरीद निचले स्तर पर कीमतों को समर्थन देती रहेगी।
- चांदी में तेजी की संभावना: कई विशेषज्ञों ने सोने के मुकाबले चांदी को अपनी पहली पसंद बताया है। उनका मानना है कि औद्योगिक मांग (विशेष रूप से सोलर और इलेक्ट्रिक वाहनों में) बढ़ने के कारण चांदी में तेजी का रुख मजबूत बना हुआ है।
- तेजी का समर्थन: भले ही मुनाफावसूली हुई हो, लेकिन अंतर्राष्ट्रीय अनिश्चितता और फेडरल रिजर्व द्वारा भविष्य में ब्याज दरें कम करने की व्यापक उम्मीद सोने-चांदी को मंदी से बचाए रखेगी।
आगे क्या?
विशेषज्ञों का कहना है कि अगले कुछ दिनों तक अमेरिकी डेटा ही सोने की दिशा तय करेगा। शॉर्ट-टर्म में उतार-चढ़ाव बना रहेगा, लेकिन जब तक वैश्विक अनिश्चितता बनी हुई है और ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदें जीवित हैं, तब तक सोने में गिरावट सीमित रहने की संभावना है। निवेशकों को आज जारी होने वाले अमेरिकी आंकड़ों पर अपनी निगाहें टिकाए रखने की सलाह दी गई है।
निवेशकों को आज शाम जारी होने वाले डेटा पर बारीकी से नजर रखने की सलाह दी गई है।