खुशखबरी- 30 सितंबर नहीं… अब 31 अक्टूबर! आयकर विभाग ने टैक्स ऑडिट रिपोर्ट जमा करने की समय सीमा बढ़ाई

नई दिल्ली: आयकर विभाग (Income Tax Department) ने करदाताओं और कर सलाहकारों को बड़ी राहत देते हुए टैक्स ऑडिट रिपोर्ट (Tax Audit Report) दाखिल करने की अंतिम तिथि को एक महीने के लिए बढ़ा दिया है। अब आकलन वर्ष 2025–26 (वित्त वर्ष 2024–25) के लिए ऑडिट रिपोर्ट 30 सितंबर की जगह 31 अक्टूबर 2025 तक जमा की जा सकती है।

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने गुरुवार देर शाम यह घोषणा की। यह फैसला चार्टर्ड अकाउंटेंट्स (CA) और विभिन्न पेशेवर संगठनों की लगातार मांग, और राजस्थान व कर्नाटक जैसे उच्च न्यायालयों (High Courts) के निर्देशों के बाद आया है।

समय सीमा क्यों बढ़ाई गई?

सीबीडीटी ने कहा कि यह विस्तार मुख्य रूप से करदाताओं और पेशेवरों द्वारा सामने लाई गई वास्तविक कठिनाइयों को देखते हुए दिया गया है। इन कठिनाइयों में प्रमुख कारण ये थे:

  1. प्राकृतिक आपदाएं: देश के कुछ हिस्सों में आई बाढ़ और अन्य प्राकृतिक आपदाओं के कारण सामान्य व्यावसायिक गतिविधियां और ऑडिट का काम बाधित हुआ।
  2. हाई कोर्ट का हस्तक्षेप: टैक्स बार एसोसिएशनों द्वारा दायर याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए, कई उच्च न्यायालयों ने सीबीडीटी को समय सीमा बढ़ाने का निर्देश दिया था।
  3. ऑडिट की कम संख्या: 30 सितंबर की समय सीमा नजदीक होने के बावजूद, दाखिल की गई ऑडिट रिपोर्टों की संख्या काफी कम थी, जिससे कम समय में लाखों रिपोर्टें जमा करना असंभव था।

मुख्य बातें:

  • पुरानी तारीख: 30 सितंबर 2025
  • नई तारीख: 31 अक्टूबर 2025
  • किसे राहत: उन व्यवसायों, कंपनियों और ट्रस्टों को जिनके खाते आयकर अधिनियम की धारा 44AB के तहत ऑडिट के अधीन हैं।
  • पोर्टल की स्थिति: सीबीडीटी ने स्पष्ट किया है कि ई-फाइलिंग पोर्टल पूरी तरह से सुचारु रूप से काम कर रहा है। 24 सितंबर तक 4.02 लाख से अधिक टैक्स ऑडिट रिपोर्ट्स सफलतापूर्वक अपलोड की जा चुकी थीं। हालांकि, जमीनी स्तर पर आ रही मुश्किलों को देखते हुए यह राहत दी गई है।
  • दंड से बचाव: समय पर ऑडिट रिपोर्ट जमा न करने पर आयकर अधिनियम की धारा 271B के तहत जुर्माना (पेनाल्टी) लग सकता है, जो टर्नओवर का 0.5% या ₹1.50 लाख तक हो सकता है। समय सीमा बढ़ने से करदाताओं को इस जुर्माने से बचने में मदद मिलेगी।

पोर्टल सुचारु, फिर भी राहत

सीबीडीटी ने अपने बयान में यह भी साफ किया है कि इनकम टैक्स का ई-फाइलिंग पोर्टल पूरी तरह से ठीक काम कर रहा है और ऑडिट रिपोर्ट्स बिना किसी तकनीकी समस्या के अपलोड हो रही हैं। 23 सितंबर तक 7.57 करोड़ से अधिक ITR दाखिल किए गए थे। हालांकि, जमीन पर आ रही व्यावहारिक चुनौतियों के सम्मान में यह एक महीने की राहत दी गई है।

किसे मिली राहत?

यह विस्तार उन व्यवसायों और पेशेवरों पर लागू होगा, जिन्हें आयकर अधिनियम की धारा 44AB के तहत अपने खातों का ऑडिट कराना अनिवार्य होता है। इसमें वे लोग शामिल हैं जिनका वार्षिक कारोबार ₹1 करोड़ से अधिक है (कुछ मामलों में यह सीमा ₹10 करोड़ है) या पेशेवर जिनकी सकल प्राप्तियां ₹50 लाख से अधिक हैं।

यह अतिरिक्त समय करदाताओं को जुर्माने (पेनाल्टी) से बचाएगा और उन्हें बिना किसी हड़बड़ी के अपने अनुपालन दायित्वों को पूरा करने में मदद करेगा। ऑडिट रिपोर्ट दाखिल करने के बाद, इन करदाताओं को 31 अक्टूबर तक अपना आयकर रिटर्न (ITR) भी दाखिल करना होगा।

महत्वपूर्ण नोट: टैक्स ऑडिट के दायरे में आने वाले करदाताओं के लिए आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल करने की अंतिम तिथि भी आमतौर पर 31 अक्टूबर ही होती है। इस समय सीमा को भी बढ़ाया नहीं गया है।

सरकार का यह कदम अनुपालन को सरल बनाने और टैक्स प्रोफेशनल्स पर काम के बोझ को कम करने की दिशा में एक व्यावहारिक फैसला माना जा रहा है।

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