नई दिल्ली: शेयर बाजार में सोमवार को अडानी पावर के निवेशकों में उस समय हड़कंप मच गया, जब सुबह होते ही कंपनी के शेयर में 80% से अधिक की भारी गिरावट देखने को मिली। हर तरफ इस खबर ने सनसनी फैला दी, लेकिन यह गिरावट एक आम बाजार दुर्घटना नहीं थी, बल्कि यह कंपनी द्वारा किए गए एक रणनीतिक कदम का परिणाम था, जिसे “स्टॉक स्प्लिट” (शेयर विभाजन) कहा जाता है।
क्या है पूरा मामला?
स्टॉक स्प्लिट: कीमत में गिरावट की असली वजह
अडानी पावर ने अपने शेयरों को 1:5 के अनुपात में विभाजित करने का फैसला किया था, जिसकी रिकॉर्ड डेट 22 सितंबर 2025 थी। इसका सीधा सा मतलब यह है कि ₹10 फेस वैल्यू वाले प्रत्येक शेयर को अब ₹2 फेस वैल्यू वाले पांच शेयरों में बदल दिया गया है।
अपर सर्किट और निवेशकों का भरोसा
गिरावट की इस तकनीकी खबर के तुरंत बाद, बाजार में निवेशकों ने जमकर खरीदारी की। स्टॉक स्प्लिट से शेयर की कीमत कम होने से अब यह छोटे निवेशकों के लिए अधिक सुलभ हो गया है। इसी कारण, शेयरों में भारी मांग देखी गई और देखते ही देखते, अडानी पावर के शेयर में 20% का अपर सर्किट लग गया। यह शेयर अपने 52-सप्ताह के नए उच्चतम स्तर पर पहुंच गया, जो निवेशकों के बढ़ते भरोसे को दर्शाता है।
इसे ऐसे समझें:
मान लीजिए कि आपके पास एक बड़ी चॉकलेट है, जिसकी कीमत ₹100 है। अब आप इसे अपने चार दोस्तों के साथ बाँटना चाहते हैं, ताकि हर कोई इसका एक टुकड़ा खरीद सके।
आप क्या करेंगे? आप उस ₹100 की एक चॉकलेट को 5 छोटे-छोटे टुकड़ों में काट देंगे।
क्या चॉकलेट का कुल मूल्य बदला? नहीं। पहले भी कुल मूल्य ₹100 था और अब भी 5 चॉकलेटों को मिलाकर कुल मूल्य ₹100 ही है।
क्या इससे निवेशकों को नुकसान हुआ?
नहीं, बिलकुल नहीं। अगर आपके पास पहले ₹716 का एक शेयर था, तो अब आपके पास ₹147 के पाँच शेयर हो गए हैं। दोनों का कुल मूल्य बराबर ही है।
कंपनी ने ऐसा क्यों किया?
विश्लेषकों की राय
बाजार विश्लेषकों का मानना है कि अडानी पावर का यह स्टॉक स्प्लिट एक स्मार्ट रणनीति है। इससे न केवल शेयर का मूल्य अधिक सुलभ हो गया है, बल्कि यह कंपनी के मजबूत फंडामेंटल और विकास की संभावनाओं में निवेशकों के बढ़ते भरोसे को भी दर्शाता है। हाल ही में सेबी (SEBI) द्वारा हिंडनबर्ग आरोपों से गौतम अडानी और उनके ग्रुप को क्लीन चिट मिलने के बाद से ग्रुप के शेयरों में लगातार तेजी बनी हुई है।
निष्कर्ष
अडानी पावर के शेयर में आई 80% की गिरावट एक तकनीकी समायोजन थी। यह कंपनी या निवेशकों के लिए कोई नुकसान नहीं है। इसके विपरीत, यह कदम छोटे निवेशकों के लिए शेयर को अधिक सुलभ बनाकर कंपनी की बाजार में स्थिति को और मजबूत कर सकता है।
मुंबई: देश की दिग्गज स्टील कंपनी टाटा स्टील (Tata Steel) ने जुलाई-सितंबर तिमाही (Q2) में…
टाटा मोटर्स (Tata Motors) के लाखों निवेशकों के लिए इतिहास रचने वाला पल आ गया…
नई दिल्ली: देश के सबसे बड़े ऑनलाइन इन्वेस्टमेंट प्लेटफॉर्म Groww (ग्रो) के IPO में पैसा…
रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर की दिग्गज कंपनी सुजलॉन एनर्जी ने इस तिमाही (Q2 FY26) में कमाल…
वोडाफोन आइडिया (Vi) के करोड़ों ग्राहकों और निवेशकों के लिए बड़ी खुशखबरी है! सुप्रीम कोर्ट…
नई दिल्ली: (मार्केट ब्रेकर) अमेरिकी फेडरल रिजर्व (US Fed) ने एक बार फिर ब्याज दरों…