अडानी पावर के शेयर में 80% की गिरावट! क्या है सच या निवेशकों को फंसाने का नया खेल?

नई दिल्ली: शेयर बाजार में सोमवार को अडानी पावर के निवेशकों में उस समय हड़कंप मच गया, जब सुबह होते ही कंपनी के शेयर में 80% से अधिक की भारी गिरावट देखने को मिली। हर तरफ इस खबर ने सनसनी फैला दी, लेकिन यह गिरावट एक आम बाजार दुर्घटना नहीं थी, बल्कि यह कंपनी द्वारा किए गए एक रणनीतिक कदम का परिणाम था, जिसे “स्टॉक स्प्लिट” (शेयर विभाजन) कहा जाता है।

क्या है पूरा मामला?

  • स्टॉक स्प्लिट: अडानी पावर ने अपने ₹10 फेस वैल्यू वाले प्रत्येक शेयर को ₹2 फेस वैल्यू वाले पांच शेयरों में विभाजित किया है। यह कदम छोटे निवेशकों को आकर्षित करने और बाजार में शेयर की तरलता (liquidity) बढ़ाने के लिए उठाया गया है।
  • कीमत में गिरावट: स्टॉक स्प्लिट के बाद, प्रति शेयर की कीमत आनुपातिक रूप से कम हो गई। शुक्रवार को ₹716 पर बंद हुआ शेयर सोमवार को ₹147 के आसपास खुला, जो 80% की गिरावट को दर्शाता है। यह सिर्फ एक तकनीकी बदलाव था, जिससे कुल निवेश मूल्य पर कोई असर नहीं पड़ा।
  • निवेशकों को मिला लाभ: जिन निवेशकों के पास विभाजन से पहले 100 शेयर थे, उनके पास अब 500 शेयर हो गए हैं। इस विभाजन के बाद, शेयर की कीमत कम होने से छोटे निवेशकों के लिए इसमें निवेश करना आसान हो गया।
  • अपर सर्किट और नया 52-सप्ताह का उच्च स्तर: जैसे ही निवेशकों को स्टॉक स्प्लिट का कारण समझ आया, शेयर में भारी खरीदारी शुरू हो गई। देखते ही देखते, शेयर ने 20% का अपर सर्किट छू लिया और ₹170.25 के अपने नए 52-सप्ताह के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया। यह दर्शाता है कि बाजार ने कंपनी के इस कदम का सकारात्मक स्वागत किया है।

स्टॉक स्प्लिट: कीमत में गिरावट की असली वजह

अडानी पावर ने अपने शेयरों को 1:5 के अनुपात में विभाजित करने का फैसला किया था, जिसकी रिकॉर्ड डेट 22 सितंबर 2025 थी। इसका सीधा सा मतलब यह है कि ₹10 फेस वैल्यू वाले प्रत्येक शेयर को अब ₹2 फेस वैल्यू वाले पांच शेयरों में बदल दिया गया है।

  • सोमवार को क्या हुआ? शुक्रवार को अडानी पावर का एक शेयर ₹716 पर बंद हुआ था। लेकिन स्टॉक स्प्लिट के बाद, सोमवार को जब बाजार खुला, तो प्रति शेयर की कीमत आनुपातिक रूप से घटकर ₹147 के आसपास हो गई। यह गिरावट केवल तकनीकी थी।
  • क्या निवेशकों को नुकसान हुआ? नहीं, बिलकुल नहीं। यह समझना महत्वपूर्ण है कि स्टॉक स्प्लिट से कंपनी का कुल बाजार पूंजीकरण (Market Capitalization) और निवेशकों के कुल होल्डिंग्स का मूल्य अपरिवर्तित रहता है। यदि आपके पास पहले ₹716 का 1 शेयर था, तो अब आपके पास ₹147 के 5 शेयर होंगे। दोनों ही मामलों में, आपके निवेश का कुल मूल्य लगभग समान रहेगा।

अपर सर्किट और निवेशकों का भरोसा

गिरावट की इस तकनीकी खबर के तुरंत बाद, बाजार में निवेशकों ने जमकर खरीदारी की। स्टॉक स्प्लिट से शेयर की कीमत कम होने से अब यह छोटे निवेशकों के लिए अधिक सुलभ हो गया है। इसी कारण, शेयरों में भारी मांग देखी गई और देखते ही देखते, अडानी पावर के शेयर में 20% का अपर सर्किट लग गया। यह शेयर अपने 52-सप्ताह के नए उच्चतम स्तर पर पहुंच गया, जो निवेशकों के बढ़ते भरोसे को दर्शाता है।

इसे ऐसे समझें:

मान लीजिए कि आपके पास एक बड़ी चॉकलेट है, जिसकी कीमत ₹100 है। अब आप इसे अपने चार दोस्तों के साथ बाँटना चाहते हैं, ताकि हर कोई इसका एक टुकड़ा खरीद सके।

आप क्या करेंगे? आप उस ₹100 की एक चॉकलेट को 5 छोटे-छोटे टुकड़ों में काट देंगे।

  • पहले, आपके पास एक चॉकलेट थी, जिसकी कीमत ₹100 थी।
  • अब, आपके पास 5 छोटी चॉकलेट हैं, जिनमें से हर एक की कीमत ₹20 है।

क्या चॉकलेट का कुल मूल्य बदला? नहीं। पहले भी कुल मूल्य ₹100 था और अब भी 5 चॉकलेटों को मिलाकर कुल मूल्य ₹100 ही है।

अब इसे अडानी पावर के शेयरों पर लागू करें

  • पहले: अडानी पावर का एक शेयर बहुत महंगा था, मान लीजिए कि इसकी कीमत ₹716 थी।
  • अब: कंपनी ने उस एक शेयर को 5 छोटे टुकड़ों में बाँट दिया।
  • नतीजा: एक शेयर की कीमत ₹716 से घटकर लगभग ₹147 हो गई।

क्या इससे निवेशकों को नुकसान हुआ?

नहीं, बिलकुल नहीं। अगर आपके पास पहले ₹716 का एक शेयर था, तो अब आपके पास ₹147 के पाँच शेयर हो गए हैं। दोनों का कुल मूल्य बराबर ही है।

कंपनी ने ऐसा क्यों किया?

  • जब कोई चीज बहुत महंगी होती है, तो उसे खरीदना मुश्किल हो जाता है। इसी तरह, जब शेयर बहुत महंगा होता है, तो छोटे निवेशक उसे नहीं खरीद पाते।
  • शेयर को सस्ता करके, कंपनी ने इसे छोटे निवेशकों के लिए सुलभ बना दिया है, ताकि ज़्यादा से ज़्यादा लोग इसे खरीद सकें। इससे बाजार में उस शेयर की खरीद-बिक्री बढ़ जाती है।

विश्लेषकों की राय

बाजार विश्लेषकों का मानना है कि अडानी पावर का यह स्टॉक स्प्लिट एक स्मार्ट रणनीति है। इससे न केवल शेयर का मूल्य अधिक सुलभ हो गया है, बल्कि यह कंपनी के मजबूत फंडामेंटल और विकास की संभावनाओं में निवेशकों के बढ़ते भरोसे को भी दर्शाता है। हाल ही में सेबी (SEBI) द्वारा हिंडनबर्ग आरोपों से गौतम अडानी और उनके ग्रुप को क्लीन चिट मिलने के बाद से ग्रुप के शेयरों में लगातार तेजी बनी हुई है।

निष्कर्ष

अडानी पावर के शेयर में आई 80% की गिरावट एक तकनीकी समायोजन थी। यह कंपनी या निवेशकों के लिए कोई नुकसान नहीं है। इसके विपरीत, यह कदम छोटे निवेशकों के लिए शेयर को अधिक सुलभ बनाकर कंपनी की बाजार में स्थिति को और मजबूत कर सकता है।

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